मेरा संदेश यह है कि मिर्गी से बिल्कुल ना घबराए मिर्गी से डरे नहीं और उसे पर विजय प्राप्त करके जो भी आपके मन में इच्छा है जैसे कुछ बनने कीया कहीं करियर बनाने की वह आप पूरी करें अपने जीवन की कोई भी हसरत मिर्गी की वजह से ना छोड़े।
मैं जनता को यही संदेश देना चाहूंगी कि ऐसे मरीजरों कर सहयोग करें, उनसके दूर न भागें। वे भी समाज की एम अमिन्न हिस्सा हैं। मिर्गी के मरीज भी समाज में अपनी भागीदारी निभा सकते हैं और एक मिशाल भी कायम कर सकते है।
मिर्गी का मारिज शादी कर सकता है और एक सामान्य विवाहित जीवन जी सकता है। बच्चे भी पैसे दे सकते हैं।
मेरा संदेश यह है कि पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़े होने के बाद ही शादी के विषय में सोचे सर उठा कर जीना सीखे।।
जी हां प्रेगनेंसी के दौरान कुछ मामुली सी सावधानियां बरत कर बच्चे पेडा कर सकती हैं।
बिल्कुल ! मिर्गी का मरीज लाइफ में ऊंची से ऊंची मंजिल हासिल कर सकता है।
ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह समाज में फैली हुई भ्रांति है कि यह जादू या ऊपर का चक्कर है और झाड़-फूंक से ठीक हो जाती है। बहुत से ऐसे मरीज यहां-वहां भटकतें रहते हैं और जादू-टोटका कराते रहते हैं। ऐसा कदापि न करें। इसको एक अच्छे डॉक्टर को दिखाकर इसका उपचार करें।
मिर्गी का मरीज बड़ी से बड़ी व ऊंची से ऊंची पढ़ाई का सकता है। वह डॉक्टरी, इंजीनियरिंग, एम.बी.बी.एस., पी.सी.एस. इत्यादि कोई भी पढ़ाई कर सकता है, और जॉब कर सकता है।
एक तरह का हाथ-पैर व तेहरे की कमजोरी को पक्षाघात कहते हैं ।
मस्तिक में रक्त की धमनियों में रुकावट होने से या नली फटने से मस्तिक को वस न मिलने के कारण पक्षाघात होता है।
रुकावट के कई कारण हैं । जैसे :-
• भोजन में अत्यधिक चिकनाई
• उच्च ब्लडप्रे शर
• डायबिटीज शक्कर की बीमारी
. धूमपान अर्थात सिगरेट बीड़ी का सेवन
पान मसाला, तम्बाकू, गुटखा, सुपारी का सेवन
• शराब का सेवन
• मोटापा
• अत्यधिक तनाव
अगर आपको डायबिटीज, ब्लडप्रेशर व मोटापा तीनों फालिज होने की सम्भावना कई गुना हो जाती है ।
हाँ, दुबारा फालिज होने की, सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है ।
बचाव से लिये दवायें व सुझाव निम्नलिखित हैं ।
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